हम सभी को मिलकर अपने आस-पास जीव-जंतुओं एवं पर्यावरण को महत्व देना चाहिए. अपने आसपास की सोसाइटी, मोहल्ला, शहर, बाजार, ऑफिस इत्यादि के जीवों व पेड़ -पौधों के लिए सुरक्षित स्थान एवं बेहतर वातावरण की व्यवस्था करने की आवश्यकता हैं. समाज में हमारी तरह सभी जीव-जंतुओं को सहअस्तित्व के साथ सबको रहने का अधिकार है. बेजबान प्रकृति के उपहारों में भेदभाव के द्वारा कई जीवों को उनके प्राकृतिक आवासों से वंचित नहीं करना चाहिए. मनुष्यों को समाज/पर्यावरण में गरिमा पूर्ण रूप से रहने का अधिकार है उसी प्रकार जीव-जंतु, जो कि हमारे पर्यावरण के अभिन्न हिस्से हैं, उनको भी अपने प्रकृति/वातावरण के अनुसार रहने का अधिकार हैं.
हम सभी अपने आस-पास निम्न प्रकार के महत्वपूर्ण निर्णय लेकर इन बेजबान जानवरों एवं पर्यावरण को बचाने के लिए अपना योगदान सुनिश्चित करने की आवश्यकता हैं.
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छतों व घर के बाहर जीवों व पक्षियों हेतु पानी, दाना व खाने का प्रबन्ध करे. कुत्तों को मीठा, नमकीन, व चिकनाहट युक्त पदार्थ न दे, यह उनको स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. जानवरों की पानी और खाने की आवश्यकता रोज होती है कृपया इन्हें रोज थोड़ा समय निकालकर खाना-पानी दे यह न सोचे की किसी त्योहार या विशेष दिनों को ही इनकी जरूरत है.
पंक्षियों को दाना - पानी देने की साफ व्यवस्था-
सभी जगहों पर जीवों को खाना-पानी देने की साफ व्यवस्था -
2. अपने आस-पास रहने वाले जानवरों को समाज में आराम से बैठने का स्थान/आवास दे. जानवरों पर यातनाएं/अत्याचार न करें, डंडे मारने, पानी डालने, व अन्य तरीके से परेशान करना उनको चिड़चिड़ा बना देती है, जिसके कारण उनकी क्रोधित व काटने तथा नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है. कृपया इस प्रकार की गतिविधियों को रोकें. समाज में सभी को सहअस्तित्व के साथ रहने एवं स्वतंत्रता का अधिकार हैं.
3. वाहनों का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक करें, जिससे कि जानवरों को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुंचे. लापरवाही से वाहनों चलाना, वाहनों को तेज चलाने से जानवरों और उनके बच्चों को चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है. जानवरों एवं उनके बच्चों की दुर्घटना के दौरान चोटिल होना, मौत होने से जानवर चिढ़चिढ़े, क्रोधित व बेचैन हो जाते है और वह वाहनों को दुश्मन मानने लगते है तथा वे वाहनों का पीछा करने लगते है, जिससे दुर्घटना की संभावना और बढ़ने लगती है.
4. अपने आस-पास के जानवरों की नसबंदी अवश्य करवाये इससे इनकी जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सकता है. हर साल इनका टीकाकरण अवश्य करवाये इससे यह कुत्ते रेबीज एवं अन्य बीमारियों से बचे रहेंगे जिससे कि मनुष्यों को भी खतरा कम होगा.
5. अगर आपके आस-पास कोई भी जानवर बीमार या जख्मी हालत में मिलता है तो कृपया आप थोड़ा समय निकल कर इनके इलाज में अपना सहयोग दें तथा अपने नजदीक के किसी जानवरों के चिकित्सक से इसका इलाज करवाएं. सामान्य घाव एवं बीमारी के में काम आने वाली दवाइयों की जानकारी हमारे वेबसाइट पर उपलब्ध है. आप उस जानकारी की मदद से उनकी बीमारी व जख्म पर नियंत्रण पा सकते है.
6. अपने आस-पास के की सामुदायिक योजना बनाएं, जिससे खाद्य पदार्थों की सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत रुप में वार्तालाप करे. अर्थात आप खाद्य-पदार्थों में जानवरों से बने पदार्थों का सेवन न करें, यह सस्ते होते हैं और आसानी से उपलब्ध होते परंतु यह हानिकारक हैं इससे हम स्वयं को एवं अपने परिवार को भयंकर बीमारियों से बचा सकते हैं.
7. आप जानवरों से बने वस्त्रों का प्रयोग न करें. जानवरों से बने आभूषणों का उपयोग न करें, अंध-विश्वास के कारण इन बेजबान जानवरों पर अत्याचार, पशु-क्रूरता, एवं मौत का शिकार होना पड़ता हैं. इनसे स्वयं बचे और दूसरे को भी बचने के लिए प्रेरित करें.
8. आप अपने आस-पास एक पेड़ अवश्य लगाए और उसकी रक्षा करने की जिम्मेदारी लें तथा सप्ताह में एक-दो बार उसको पानी देने या अन्य देख रेख अवश्य करें. यदि यह सामुदायिक या बड़े स्तर पर किया जाए तो पर्यावरण को न केवल प्रदूषित होने से बचाया जा सकता वरन नए पेड़-पौधों के उगने से हमारे स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा. प्रदूषण के कारण फेफड़े एवं अन्य बीमारियों से शिकार होने की संभावना काफी कम हो सकती है. अपने पास के पेड़-पौधों को काटने न दे. जंगलों से पेड़ों की अनियंत्रित कटान के कारण जंगल विलुप्त होते जा रहे है. पेड़-पौधे पृथ्वी के फेफड़े है. पेड़-पौधों ओर जंगलों की अन्धाधुन्ध कटाई के कारण पूरा पर्यावरण और फलस्वरूप उनपर पलने वाले जीव-जंतुओं धीरे-धीरे नष्ट होते जा रहे. हम आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर पर्यावरण सुनिश्चित करें.