फसलों के बचाव के नाम पर जीवों पर अत्याचार

कई राज्यों में फसलों की सुरक्षा का हवाला देकर तेज धार वाले तारो को उपयोग बाड़ बनाने के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. तारों के संपर्क में आने/फंसने से पशुओं/वन्य जीवों को गंभीर क्षति एवं मौत की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. इन घटनाओं की जानकारी राज्य के मुख्य मंत्री, जिला अधिकारी, उपायुक्त पुलिस प्रशासन, नगर-निगम विभाग, राजस्व विभाग को भी है.

कटीले तारों से घायल जीव

कटीले तार से घायल भालू
कटीले तार से तड़प रहा गधा

कटीले तारों से आए दिन जंगली जानवर फंसकर हादसे का शिकार होते हैं. अपने खेतों में खतरनाक तार लगाने से जीव-जन्तु इत्यादि घायल होते रहते हैं. ऊपर चित्र में साफ दिख रहा है कि किस तरीके से जानवर तार में फंस गए है. तार में फंसने के बाद जैसे जैसे वे अपने को छुड़ाने की कोशिश करते है, वैसे-वैसे और बुरी तरीके से फंसते जाते है. यदि जल्दी ध्यान न दिया जाए तो जानवर धीरे-धीरे डिहाउड्रेशन के शिकार हो जाते है, अथवा चोट के बाद संक्रमण फैलने के कारण इनकी भयावह तरीके से मृत्यु हो जाती है.


ब्लेड वाले तार

ब्लेड वायर से घायल और उपचार न होने पर तड़प-तड़प कर मौत
ब्लेड वायरसे घायल गाय
ब्लेड वायर से घायल गाय

फसलों के बचाव के लिए खेतों के चारों ओर ब्लेड के तारों की बाड़ राहगीरों एवं जीवों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. खेतों की बाड़ में पशु फंस कर गंभीर रूप से घालय हो रहे है. अन्य प्रकार के तारों की अपेक्षा कटीले तारों और ब्लेड तारों से सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. कुछ जानवर/जंगली पशु घायल होने के बाद धीरे-धीरे पीड़ादायक मौत का सामने कर रहे है. रोड से सटे खेतों के किनारे गुजरने वाले बाइक और साइकिल सवार लोगों का संतुलन बिगड़ने से अक्सर तारों की बाड़ में उलझकर गिरने के बाद गंभीर रूप घायल हो रहे हैं. ब्लेड तारों के संपर्क आने से कई मौते भी हो चुकी है. चारों ओर बाड़ों के लगने के कारण पशुओं को खाली और खुली जगह में जाने में अवरोध का सामना करना पड़ रहा है. चरागाह भूमि और वन भूमि तक पहुंचना बेहद सीमित हो गया है. 
मैलानी से बांकेगंज रिश्तेदारी में आ रहा बाइक सवार युवक अजय कुमार भी इन्हीं ब्लेड के तारों की बाड़ में उलझकर बुरी तरह जख्मी हो गया. वर्ष 2018 में बहन को कपड़ा खरीदवाने जा रहे युवक की पलरा-बांक मार्ग पर पलरा मोड़, के पास बाइक अनियंत्रित होकर खेतों की सुरक्षा के लिए लगाए ब्लेड तार से टकरा गई. इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. बहन को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया. हालत नाजुक होने पर कानपुर रेफर कर दिया गया. 
खेतों की रखवाली के लिए ब्लेड तारों की बाड़ लगाने पर प्रतिबंध है. उच्च न्यायालय ने भी इसे संज्ञान में लिया है. इसके बावजूद ब्लेड वाले तारों की बाड़ लगाई जा रही है. जिले में जंगल किनारे के खेतों में लगी ब्लेड वायर बाड़ से कई दुर्घटनाएं होने के बाद भी अभी तक किसी के खिलाफ कार्रवाई होने का कोई रिकार्ड नहीं है.

 

बिजली चलित बाड़ विद्युत बाड़ या बिजली की बाड़ एक बाधा है जो अवांछित मनुष्यों या पशुओं को कोई सीमा पार करने से रोकने के लिए बिजली के झटके का उपयोग करती है

बिजली से चालित बाड़ बनों से नजदीक के इलाकों में ज्यादा लगाए जा रहे है. इनसे होने वाली घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इनके कुछ उदाहरण  पल्लाकाट जहां पर एक एक महिला का मृत्यु और उत्तर प्रदेश के बरेली में 2 व्यक्तियों की मृत्यु हुई. ये घटनाए देश में बढ़ती जा रही है. 

वर्ष 2018 से वर्ष 2021 के दौरान बढ़ते हुए हादसो की संख्या


साभार इंडियन एक्सप्रेस


प्रशासन भी इस पर कोई ठोस और प्रभावी कदम उठाने की जगह पर लीपा-पोती में लगा हुआ ज्यादा प्रतीत हो रहा है. मसलों को आगे के लिए टालने, आंखे मूंद लेने जैसी घटनाए आम होती जा रही है.  
कुछ जिलों में इन तारों के प्रयोग को प्रतिबंधित भी किया गया है. इस संबंध में दृश्य – श्रव्य माध्यमों से चेतावनी भी जारी किया गया है. लेकिन एक दो दिन के अभियान चलाने के बाद इसको ठंडे बस्ते में रख दिया जा रहा है. ऐसा लगता है कि विभिन्न इलाकों में पुलिस से या तो गंठजोड़ कर लिया है या घटनाओं से आंखें मूंद ली है. इस पर गंभीर और लंबे समय तक पहलगदमी की आवश्यकता है. 

डीएम ने जारी किया आदेश, खेतों में ब्लेड युक्त कंटीले तार लगाने पर होगी कार्यवाही

खेतों में ब्लेड वाली कटीली तार लगाई तो होगी जेल