कुत्ते-बिल्ली की देखभाल कैसे करें

भारत में सभी राज्यों में युवा पीढ़ी अपने आस-पास के जीवों एवं पर्यावरण की देखभाल में अपना सहयोग कर रही है जो कि एक सराहनीय कार्य हैं. आपसी सहयोग एवं पर्यावरण की रक्षा करते हुए हम देश के समग्र विकास और आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे है.  

उत्साह के साथ पशु की देखभाल (खासकर छोटे पशु) करते समय हमें कुछ सावधानियों एवं जानकारी की भी आवश्यकता होती है जिससे कि पशु स्वस्थ रहे. पालतू एवं सामुदायिक पशुओं की देख-भाल एवं सहयोग के लिए यह जानकारी आवश्यक हैं.

  1. नवजात पशु को गाय के दूध में पानी मिलाकर या मदरमिल्क पाउडर का उपयोग कर सकते हैं. इसके अलावा 2 माह तक अन्य खाद्य पदार्थ नहीं देना चाहिए. जैसे-जैसे पशु बड़े होते जाते है उसमें से अधिकांश में दूध पचाने की क्षमता कम होती जाती है अतः वयस्क जानवरों को पानी से मिला हुआ दूध ही पिलाना चाहिए.

     

  2. पशुओ की डीवर्मिंग करना उनके अच्छे स्वस्थ के लिए आवश्यक है. डीवर्मिंग अर्थात (पेट के कीड़ो का निवारक) जो कि पशु के आंतरिक और बाहरी परजीवी को कम करने में सहायक हैं. डीवर्मिंग में दी गई औषधि की मात्रा पशु के वजन के अनुसार निर्धारित होती हैं.”

 

कुत्तों और बिल्लियों को डीवर्मिंग की दवा

नवजात पशु के लिए डीवर्मिग की प्रक्रिया-  जन्म से 3 माह तक – हर 2 सप्ताह में
 .5 ml*     - 2kg** वजन
 1 ml      -2.1 to 4 kg वजन
पशु 3 माह से 6 माह तक –  हर माह में एक बार 
 आधी टैबलेट- 4 to 6 kg वजन (तीन महीने के बाद के जीवों को टैबलेट दिया जा सकता है)
पशु के 6 माह के पश्चात – उसकी डीवर्मिंग हर 3-3 माह के पश्चात
 1 टैबलेट - प्रति 10 kg वजन (वजन के अनुसार टैबलेट की मात्रा बढ़ती जाएगी)
* ml = मिली लीटर, ** kg = किलो ग्राम

     


3.    45 दिन का होने पर छोटे जीवों का टीकाकरण आवश्यक हैं-

कुत्ते का टीकाकरण
45 दिन के पश्चात “9in1” या “11in1” वैक्सीन + 2 बूस्टर डोज टीकाकरण – जो खतरनाक बीमारी होने से बचाता हैं.
45 दिन के पश्चातकोरोना वैक्सीन (Canine Coronavirus )– कुत्ते को बीमारी होने से बचाता हैं.
3 माह के पश्चात रैबीज़ (Rabies) की वैक्सीन -  जो कुत्ते को रैबीज़ जैसी खतरनाक बीमारी होने से बचाता हैं.
 हर साल “9in1” या “11in1” वैक्सीन, कोरोना वैक्सीन और रैबीज़ की वैक्सीन लगाना अनिवार्य हैं.
 बिल्ली का टीकाकरण
45 दिन के पश्चातFeligen or Tricat वैक्सीन + 2 बूस्टर डोज टीकाकरण – जो खतरनाक बीमारी होने से बचाता हैं.
 45 दिन के पश्चात  फेलाइन कोरोना वैक्सीन (Feline coronavirus vaccines)–  जो बिल्ली को बीमारी होने से बचाता हैं.
3 माह के पश्चातरैबीज़ (Rabies) की वैक्सीन -  जो कुत्ते को रैबीज़ जैसी खतरनाक बीमारी होने से बचाता हैं.
हर साल Feligen or Tricat  वैक्सीन, Feline coronavirus वैक्सीन और रैबीज़ की वैक्सीन लगाना अनिवार्य हैं.

 

 

4. कुत्ते और बिल्ली की नसबंदी के फायदे

 

कुत्ते और बिल्ली की उम्र 10 माह होने के पश्चात और 3 साल तक के अंतर्गत उनकी नसबंदी अवश्य कराये. ताकि:

  • अनावश्यक प्रेगनेंसी से मुक्ति,

  • काटने एवं आक्रामक व्यवहार को कम करना

  • स्तनग्रंथि, डिम्बग्रंथि और गर्भाशय के कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से मुक्ति

  • हीटिंग पीरियड ख़तम होना,

  • आपस में लड़ाई - झगड़ा कम होना इत्यादि 

  • बिल्ली के बच्चे एवं पिल्लों की बढ़ती संख्या तथा वाहन द्वारा दुर्घटना पर रोक

  •  टॉयलेट द्वारा स्प्रिंग एवं मार्किंग की समाप्ति

 इस प्रक्रिया का ध्यान रखकर, कुत्तों और बिल्लियों को लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलती है.   

 

* हम आपके साथ उचित जानकारी साँझा कर रहे हैं ताकि आप अपने आस - पास रहने वाले पशुओं को सुरक्षित एवं स्वस्थ रखने में अपना पूर्ण सहयोग दे सके और पशुओं का टीकाकरण अवश्य कराए. यदि आपके आस - पास चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध हैं तो उसका लाभ पशुओ तक पहुंचाने में अपना साथ दे.