मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में आवारा कुत्तों (सामुदायिक कुत्तो) ने नवजात शिशु की जान बचाई

25 जनवरी  2023 को “द टाइम्स आफ इंडिया” द्वारा प्रकाशित, मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के सतनेर गांव में आवारा कुत्तों (सामुदायिक कुत्तो) ने एक नवजात शिशु की जान बचाई. 

इस सुखद अहसास का जिक्र अन्य किसी भी न्यूज चैनल एवं अखबार द्वारा प्रकाशित नहीं किया गया. ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ अखबार एवं न्यूज चैनल वाले पुर्वाग्रह से ग्रसित होकर कुत्तो से संबंधित मामले में भेदभाव करते हैं, जोकि बेहद शर्मनाक एवं अशोभनीय है. कई न्यूज चैनल आवारा कुत्तों द्वारा मनुष्य जाति को नुकसान पहुंचाने एवं मार डालने जैसे उदाहरण को आक्रामक तरीके से प्रसारित करते ताकि लोगों को जीवों के विरुद्ध उकसाया एवं कुत्तो के प्रति हिंसा को बढ़ाया जा सके.

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के सतनेर गांव में, यह घटना सोमवार को लोगों के समक्ष एक आवारा कुत्ता अपने मुहँ में एक नवजात बच्चे के साथ दौड़ते हुए आया जैसे कि वह कुत्ता इस नवजात शिशु की मदद की गुहार लगा रहा हो जोकि स्थानीय लोग देखकर अचंभित हो गए. स्थानीय लोगों ने कुत्ते से नवजात शिशु को लिया तो एहसास हुआ कि वह जीवित है तुरंत पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद शिशु को अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टर उसकी जान बचाने की कोशिश कर रहे थे.

पुलिस द्वारा मामले की तफतीश से पता चला कि  "नवजात को झाड़ियों में फेंक दिया गया था, जहां कुत्ते की सहायता से वह शिशु बच सका. पुलिस द्वारा अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 317 (परित्याग) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

आए दिन स्थानीय / समुदायिक क्षेत्र में कुत्तों के नवजात पिल्लों को जिंदा जलाया, जहर देना, पत्थर-लाठी मारना, गायब कर देना इत्यादि वारदातो को समाज में उजागर नहीं किया जाता क्योंकि ऐसी मामले बहुत हैं और मानवता को शर्मशार करने वाली हैं.    

मध्य प्रदेश में नवजात को फेंकने की यह घिनौनी वारदात हर दूसरे दिन होती हैं, जिसकी पुष्टि एन.सी.आर.बी. के आंकड़ों से ज्ञात हुई हैं. लगातार इन घटनाओं के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाता और ना ही कोई कुछ बताना चाहता. 

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